भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में अपने PSLV-C61 मिशन के तहत EOS-09 (Earth Observation Satellite-09) को लॉन्च किया, लेकिन यह मिशन पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। इसरो के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) को दुनिया के सबसे विश्वसनीय रॉकेटों में से एक माना जाता है। लेकिन इस बार, तीसरे चरण (third stage) में कुछ खराबी के कारण सैटेलाइट को सही कक्षा (orbit) में स्थापित नहीं किया जा सका।
PSLV-C61 मिशन लॉन्च डेट
PSLV-C61 मिशन को 18 मई 2025 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लांच किया गया था। PSLV-C61 को PSLV-XL वेरिएंट रॉकेट के जरिये लांच किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य था की पृथ्वी की निगरानी, कृषि और जलवायु अध्ययन कर पाए।
PSLV-C61 मिशन में आखिर क्या हुआ ?
PSLV-C61 का लॉन्च तो सफलतापूर्वक हुआ, लेकिन रॉकेट का तीसरा चरण (third stage) ठीक से काम नहीं कर पाया, जिसके कारण EOS-09 सैटेलाइट को निर्धारित कक्षा (orbit) में स्थापित नहीं किया जा सका। इसरो ने बाद में पुष्टि की कि सैटेलाइट अभी भी नियंत्रण में है, लेकिन वह अपने इच्छित कार्य को पूरा करने में सक्षम नहीं होगी।
तीसरे चरण (Third Stage) में तकनीकी खराबी
ISRO के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, PS4 (पॉलिमर स्टेज 4) इंजन में कुछ अनियमितताएँ देखी गईं, जिसके कारण सैटेलाइट को पर्याप्त गति नहीं मिल पाया। इसीलिए यह चरण रॉकेट को अंतिम धक्का देने के लिए जिम्मेदार होता है, और इसकी खराबी ने पूरे मिशन को प्रभावित किया। हलाकि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉकेट के नेविगेशन सिस्टम में कुछ गड़बड़ी हुई, जिससे यह अपने निर्धारित पथ से भटक गया। इस वजह से सैटेलाइट को सही ऊँचाई और गति नहीं मिल सकी।
EOS-09 सैटेलाइट क्यों महत्वपूर्ण था?
यह एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह था, जिसका उद्देश्य कृषि, जल संसाधन और आपदा प्रबंधन में मदद करना था। इसमें हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरा और मल्टी-स्पेक्ट्रल सेंसर लगे थे, जो भारत के लिए बेहद उपयोगी होते।

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