अब भारत में बनेंगे Rafale Fighter Jet के Fuselage – आत्मनिर्भर डिफेंस सेक्टर को बड़ी ताकत

Rafale Fighter Jet: क्या आप जानते हैं कि अब भारत में ही Rafale फाइटर जेट्स का फ्यूजलेज (विमान का मुख्य ढांचा) बनाया जाएगा? यह एक बड़ी खबर है जो भारत के रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली है। फ्रांसीसी कंपनी Dassault Aviation ने भारत की TATA Group के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसके तहत अब Rafale जेट्स के कुछ प्रमुख हिस्से भारत में ही निर्मित किए जाएंगे।

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इससे न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमता मजबूत होगी, बल्कि हज़ारों नौकरियों का सृजन भी होगा। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Atmanirbhar Bharat) और ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह सौदा क्यों महत्वपूर्ण है, इसके क्या फायदे हैं और भारत के लिए यह कैसे एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

Rafale फाइटर जेट क्या है?

Rafale एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे फ्रांस की Dassault Aviation ने बनाया है। यह जेट हवाई युद्ध, जमीन पर हमले और नौसेना के लिए उपयोगी है। भारत ने 2016 में 36 Rafale जेट्स खरीदने का समझौता किया था, जो 2020 से भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल हो चुके हैं।

भारत में Rafale के फ्यूजलेज का निर्माण

फ्रांस की Dassault Aviation ने भारत की TATA Advanced Systems Limited (TASL) के साथ एक बड़ा करार किया है। इसके तहत अब Rafale जेट्स का फ्यूजलेज (Fuselage) भारत में बनाया जाएगा। फ्यूजलेज विमान का मुख्य ढांचा होता है, जिसमें कॉकपिट, विंग और अन्य महत्वपूर्ण भाग जुड़े होते हैं।

कहाँ बनेगा Rafale का फ्यूजलेज?

TATA की फैक्ट्री हैदराबाद में स्थित है, जहाँ इसका निर्माण होगा। यहाँ पहले से ही F-16 और Sikorsky हेलीकॉप्टर के पुर्जे बनाए जाते हैं।

भारत का डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है, लेकिन अब सरकार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। Rafale का फ्यूजलेज भारत में बनने से निम्नलिखित बदलाव आएंगे:

1. मेक इन इंडिया को बढ़ावा

  • भारत अब सिर्फ खरीदार नहीं, बल्कि निर्माता भी बनेगा।
  • अन्य देशों के साथ डिफेंस पार्टनरशिप बढ़ेगी।

2. प्राइवेट सेक्टर की भूमिका

  • TATA, Mahindra और Reliance जैसी कंपनियाँ अब डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आगे आ रही हैं।
  • सरकार ने 74% FDI की अनुमति देकर निवेश को आकर्षित किया है।

3. भविष्य की संभावनाएं

  • अगले 5-10 सालों में भारत ग्लोबल डिफेंस एक्सपोर्ट हब बन सकता है।
  • Tejas MK-2, AMCA (5th Gen Fighter) जैसे प्रोजेक्ट्स को भी ताकत मिलेगी।

निष्कर्ष

Rafale फाइटर जेट का फ्यूजलेज अब भारत में बनेगा, यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न सिर्फ देश की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह सौदा ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर भारत इसी तरह एयरोस्पेस और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आगे बढ़ता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब हम पूरी तरह से विदेशी निर्भरता से मुक्त हो जाएंगे।

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